G-KBRGW2NTQN रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा की ठगी – Devbhoomi Samvad

रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा की ठगी

हरिद्वार। कनखल थाना क्षेत्र में रहने वाली तीन बहनों ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर दो साल पहले पांच लोगों को धोखाधड़ी का शिकार कर एक करोड़ से भी ज्यादा रकम हड़प ली। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर तीनों बहनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। थाना प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर रविंद्र ठाकुर पुत्र सीताराम ठाकुर निवासी हजारीबाग कनखल की तहरीर पर तीन बहनों को नामजद करते हुए रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लोगों से एक करोड़ से भी ज्यादा की ठगी करने का मुकदमा दर्ज किया है। तहरीर में बताया कि दो साल पहले उनकी मुलाकात कु. संगीता मुखर्जी उर्फ मनीषा राय, सुप्रिया उर्फ प्रियंका व सीमा उर्फ मोनिका राय पुत्रीगण स्व.अशोक मुखर्जी उर्फ सुभाष राय निवासीगण वैष्णवी अपार्टमेंट दत्त कुट्टी पुरुषोत्तम विहार कनखल से हुई थी।
उन्होंने अपने पिताजी को रेलवे विभाग में आफिसर बताया और रेलवे में होने वाली भर्ती में उनका कोटा निर्धारित बताते हुए अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवाने का आासन दिया। इसी आधार पर उन्होंने अपने परिचित रमेश प्रसाद राजपूत पुत्र बिहारी सिंह आफीसर्स कालोनी रेस कोर्स देहरादून, मनीष कुमार पाल पुत्र मंगत राम निवासी रायपुर देहरादून, अरुण पाल पूरन सिंह पाल निवासी केदारपुरम मोथरावाला देहरादून व रामचंद्र पुत्र बुग्गल पाल निवासी धर्मपुर देहरादून से भी युवतियों की मुलाकात करवाई। युवतियां हम सभी को लेकर नई दिल्ली बड़ौदा हाउस रेलवे अफिस में लेकर गई। वहां पर उन्होंने आशुतोष तिवारी, सक्सेना व रस्तोगी से मुलाकात करवाई। इतना सब होने के बाद उन्होंने अभ्यर्थियों के हिसाब से अलग-अलग पेमेंट ली। रविंदर ठाकुर से 14 लाख 25 हजार, रमेश से 14 लाख 9 हजार, अरुण से 12 लाख 35 हजार, मनीष पाल सिंह 7 लाख 12 हजार व रामचंद्र सिंह 63 लाख 65 हजार रुपए लिए। कुछ अभ्यर्थियों को दिल्ली के रेलवे विभाग के आफिस में ले जाकर ज्वानिंग लेटर में हस्ताक्षर करवाने के बाद वापस भेज दिया और बोला लेटर डाक द्वारा घर पहुंचेगा। काफी समय बीत जाने के बाद भी जब अभ्यर्थियों का लेटर नहीं आया तो युवतियों से संपर्क किया। आासन देने लगी कि लेटर जल्द ही मिल जाएगा। नौकरी न लगने पर युवतियों से दी गई रकम वापस मांगी तो वह इधर उधर से बात कर बहाना बनाने लगी। कुल एक करोड़ से ज्यादा की रकम लेने के बाद युवतियों ने दो साल से आासन के सिवा कुछ नहीं दिया।

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