झूठ बोलने में माहिर हैं उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह : मोहित
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने उच्च शिक्षा मंत्री और रुद्रप्रयाग जनपद प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री ने लॉकडाउन के बाद रुद्रप्रयाग जनपद के 16 हजार से अधिक बेरोजगारों को रोजगार मिलने की बात कही है। यह सरासर सफेद झूठ है। जबकि सच्चाई यह है कि रोजगार न मिलने से लॉकडाउन में घर आए अधिकतर युवा वापस लौट चुके हैं। मोहित डिमरी ने कहा कि सेवायोजन कार्यालय में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक, रुद्रप्रयाग जनपद में 23,828 पंजी.त बेरोजगार हैं, जिसमें इस वर्ष सिर्फ एक व्यक्ति को ही रोजगार मिला है। इसके अलावा लॉकडाउन के बाद 15 सौ से अधिक लोगों ने पशुपालन, .षि, उद्यान, पर्यटन, मत्स्य पालन हेतु बैंक ऋण के लिए आवेदन किया था। जिसमें सिर्फ 305 आवेदन ही स्वीकार किये गए और 114 आवेदन ऋण के लिए भेजे गए और इनमें में भी सिर्फ रोजगार के लिए 83 लोगों को ऋण दिया गया।
कुल मिलाकर देखें तो इस वर्ष जनपद रुद्रप्रयाग में सौ लोगों को भी रोजगार नहीं मिल पाया है। बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई है। युवाओं को ऋण देने के नाम पर जगह-जगह रोजगार शिविर लगाए गए, तमाम तरह की औपचारिकताओ को पूरी करने के लिए विभागों के चक्कर कटवाए गए। इसके बाद भी जब बैंक ऋण नहीं मिला तो थक-हारकर बेरोजगार युवाओं ने बाहर जाना ही उचित समझा। सरकार कह रही है कि युवाओं को अपने गांवों में ही रोजगार करना चाहिए। अब आप ही सोचिए ऐसे हालात में कैसे रोजगार हो पाएगा? अगर हमारे युवा साथी रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं तो यह सिर्फ सरकार की नाकामी है।
युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़े के मुताबिक देशभर में उत्तराखंड राज्य बेरोजगारी के मामले में पहले पायदान पर खड़ा है। हमारे प्रदेश में बेरोजगारी दर 22.3 प्रतिशत पहुँच गई है। जबकि उत्तराखंड राज्य बनने के शुरुआती वषोर्ं में बेरोजगारी दर सिर्फ 2.1 प्रतिशत थी। अगर हम पूरे देश की बेरोजगारी दर पर गौर करें तो अभी यह दर 6.67 प्रतिशत है। यानी देश की बेरोजगारी दर से भी तीन गुना अधिक बेरोजगारी दर उत्तराखंड की है। जबकि हमारे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी कह रहे हैं कि प्रदेश में बेरोजगारी दर माइनस में चली गई है। साफ समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री जी झूठ बोल रहे हैं और अब उच्च शिक्षा मंत्री भी उनके नक्शे-कदम पर चल पड़े हैं।