भूकंप के झटके महससू किये गये,घरों से बाहर दौड़ पड़े लोग
भूकंप से 1991 के विनाशकारी भूंकप की याद हुई ताजा
उत्तरकाशी। शनिवार को उत्तरकाशी में भी भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। भूकंप आने पर भय के कारण लोग अपने घरों से दौड़ आये। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 आंकी गई,जिसका केंद्र भटवाड़ी ब्लाक के गोरसाली गांव के दयारा जंगल में बताया जा रहा है। भ्भूकंप से किसी भी प्रकार की जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप के झटके महसूस होने से 1991 समेत अन्य कई भूकंप की यादें ताजा हो गई है। उत्तरकाशी जनपद 5 जोन में स्थित होने पर यहां जिला आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदन शील है। शनिवार को महसूस किये गये भूकंप के झटके उत्तरकाशी के लोगों के लिये कोई नई बात नहंी है,बल्कि इससे पहले भी समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किये जाते रहे है। जिले में भूकंप के झटके महसूस होने पर लोगों को वर्ष 1991 में आये विनाशकारी भूंकप की याद आ जाती है तथा वह भयभीत होकर अपने को असुरक्षित महसूस समझाने लगते है। शनिवार को आये भूकंप ने उत्तरकाशी के लोगों की नींद उड़ा दी है। भूकंप की तीव्रता हालांकि 3.3 रियेक्ट पैमाने मापी गई है। इस बार भूकंप के झटके केवल डुंडा और भटवा़ड़ी ब्लाक के गांवों तथा जिला मुख्यालय उत्तरकाशी मेंही महसूस किया गया है। चिन्यालीसौड़, नौगांव, पुरोला,मोरी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस नहीं हुये है। भूकंप से जिले में किसी तरह के नुकसान होने की सूचना नहीं है। जिले में 1991 के साथ ही 1999 और 2003 के भूंकप आया है। जिस दौरान जनधन को भारी हानि हुई। 1991 के भूकंप ने उत्तरकाशी में जो त्रासदी लाई थी, वह आज भी लोगों के जेहन में है। उस दौरान भूकंप ने कई परिवार और गांव उजाड़ दिए थे। भूूंकंप की .ष्टि से उत्तराखंड जोन पांच में स्थित है। इससे पहाड़ का हर जिला बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें कुछ और जिलों के साथ ही उत्तरकाशी जनपद भी अति संवेदनशील में आता है।