G-KBRGW2NTQN प्रशासन की लापरवाही का दंश झेल रहा है राजकीय महाविद्यालय जखोली – Devbhoomi Samvad

प्रशासन की लापरवाही का दंश झेल रहा है राजकीय महाविद्यालय जखोली

जखोली। एक ओर प्रदेश में जहां उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की बात की जा रही है, वहीं उच्च शिक्षक संस्थाओं के बुरे हाल हैं। उच्च शिक्षक संस्थाओं के लिये कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं हो रही हैं, लेकिन यह घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं। ऐसे में मजबूरन यहां के छात्रों को बाहरी शिक्षण संस्थानों का रूख करना पड़ रहा है।रुद्रप्रयाग जनपद के विकासखंड जखोली में स्थित राजकीय महाविद्यालय जखोली की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। यहां अभी मात्र बीए और एमए में सिर्फ राजनीतिक विज्ञान की कक्षाओं का संचालन हो रहा है। एमए की सभी कक्षाओं और बीएससी की कक्षाओं की स्वीकृति देने की कई बार की घोषणाएं हो चुकी हैं, लेकिन यह घोषणाएं आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। ऐसे में मजबूरन यहां के छात्रों को एमए और बीएससी की पढ़ाई के लिये बाहरी शिक्षण संस्थाओं का रूख करना पड़ रहा है। इसके अलावा यहां तमाम प्रवक्ताओं की कमी भी बनी हुई है। अगर यहां एमए और बीएससी की स्वीकृति मिलती है तो जखोली विकासखंड की लस्या, बांगर, पूर्वी बांगर, सिलगढ़, फुटगढ़, बड़मा, पूर्वी भरदार, पश्चिमी भरदार सहित टिहरी जनपद के हजारों छात्रों को लाभ मिलता। अब राजकीय महाविद्यालय जखोली को जोड़ने वाले ललूड़ी-देवल-महाविद्यालय मोटरमार्ग की बात करें तो यह लोक निर्माण विभाग की घोर लापरवाही का शिकार हो गया है। मोटरमार्ग का निर्माण हुये वर्षों बीच चुके हैं, लेकिन अभी तक मोटरमार्ग का डामरीकरण नहीं हो पाया है। मोटरमार्ग पर आवाजाही करना किसी खतरे से खाली नहीं है। बरसाती सीजन में तो मोटरमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो जाती है। ऐसे में कॉलेज के अधिकारी-कर्मचारियों और छात्रों को दो किमी तक का पैदल सफर तय करना पड़ता है। मोटरमार्ग पर बड़े-बड़े गढडें पड़े हुये हैं। जबकि मोटरमार्ग की कटिंग भी सही मानकों के अनुसार नहीं हो पाई है।

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