–कुंभ के कामों के लिए मेलाधिकारी बने पावरफुल
-संस्कृत विद्यालयों के 155 शिक्षकों को मानदेय बढ़ाया
-बजट सलाहकार की एक साल के लिए नियुक्ति
-यूपी के कार्मिक सशर्त यहीं रह सकेंगे
-यूपी निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था की सूची से हटाया
-एससी व ओबीसी की छात्रवृत्ति की राशि जारी की
-कोविड की 132 एम्बुलेंस 108 में लगायी
-संतों को भूसमाधि लेने के लिए 4.384 हेक्टेयर जमीन दी
देहरादून। राज्य मंत्रिमंडल ने आज कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं। मंत्रिमंडल ने संस्कृत महाविद्यालयों के 155 शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने के साथ ही कुंभ के कायरे को पूर्ण कराने के लिए मेलाधिकारी को 50 फीसद काम बढ़ाने की अतिरिक्त पावर भी दे दी है। इसके साथ ही राज्य गठन के बाद यूपी जाने की इच्छा रखने वालों को यहां रहने की सशर्त अनुमति भी दे दी है। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि आज कुल 15 मामले बैठक में रखे गये। मंत्रिमंडल ने संस्कृत के प्रबंधकीय विद्यालयों में पढ़ा रहे 155 शिक्षकों के मानदेय को बढ़ाने का निर्णय लिया है। पांच साल से कम अवधि के शिक्षकों काे15 हजार, पांच से 10 साल के बीच के शिक्षक को 25 हजार व 10 साल से अधिक समय से शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षक को 30 हजार रुपये दिया जाएगा। इसके साथ ही यूजीसी की शतरे पीएचडी या एमफिल डिग्रीधारकों को पांच हजार अतिरिक्त दिया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के उन कार्मिकों के लिए वहां जाने या यहीं रहने के विकल्प खोल दिये हैं। जो कार्मिक जाना चाहता है, उसे तुरंत कार्यमुक्त कर दिया जाएगा और जो यहां रहना चाहेगा, उसको इस शर्त पर यहां रखा जाएगा कि उसकी वरिष्ठता यहां के कार्मिक से भी नीचे आ जाएगी। मेलाधिकारी को 2 करोड़ व मंडलायुक्त को पांच करोड़ की अनुमति पर भी मंित्रमंडल ने मुहर लगा दी है। मंत्रिमंडल ने कक्षा नौ तक के एससी बच्चों के छात्रवृत्ति के लिए केंद्र से धनराशि न ले पाने के बदले राज्य से ही छात्रवृत्ति स्वीकृत की है। 22492 छात्रों को 3,79 करोड़ राशि स्वीकृत की है। जबकि पिछड़ी जांति के लिए 50 फीसद अंशदान के रूप में 4.36 करोड़ की राशि दी है। पर्यटन विकास परिषद में 6 तकनीकी पद स्वीकृत किये हैं, इनमें एक पद अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता के होंगे तथा दो-दो पद सहायक व कनिष्ठ अभियंता के।