सृष्टि ने बतौर सीएम की विभागों की समीक्षा
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रेरणा से व बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी व मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मार्गदर्शन में राज्य में आज एक ऐसा कार्यक्रम हुआ, जिसमें एक अनजान लड़की ने बतौर मुख्यमंत्री सरकारी कामकाज किया और उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत बतौर सीएम के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आज का दिन उत्तराखंड के 20 साल के अवधि में ऐतिहासिक रहा। सृष्टि गोस्वामी नाम की एक लड़की ने नायक की तर्ज पर एक दिन के सीएम की भूमिका निभाई। एक दिन की मनोनीत बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी की अध्यक्षता में विधानसभा में बाल विधायक सदन का आयोजन किया गया। सदन में विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। इस मौके पर 13 विभागों ने अपना विभागीय प्रस्तुतिकरण भी दिया। समीक्षा और प्रस्तुतिकरण से पहले मनोनित मुख्यमंत्री की अनुमति से बाल सदन का आयोजन किया गया। जिसमें नेता प्रतिपक्ष के रूप में आसिफ हसन ने सदन में सरकार के सामने सवाल उठाये। मनोनीत मुख्यमंत्री तथा उनकी अनुमति से अन्य मंत्रीगणों व बाल विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष के सवालों का क्रमवार उत्तर दिया। विपक्ष सरकार की ओर से आये जवाब से सहमत दिखा। बाल सदन के बाद बाल विकास विभाग द्वारा विभागीय प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें महिला, बच्चों, दिव्यंगजनों, निराश्रितों आदि के हित में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं तथा कल्याण कार्यक्मर की जानकारी दी गयी। प््रसरकार के बहुत योजनाएं, लाभ ले जनता : सृष्टि- – मनोनित बालिका मुख्यमंत्री सृष्टि गोस्वामी ने आज के कार्यक्रम के माध्यम से महिला एवं बाल संरक्षण तथा विभिन्न विकास कायरे के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सुझाव साझा किये। उन्होंने बालिकाओं को विद्यालय आने जाने के लिए वाहनों में सुरक्षित माहौल बनाने, धरेलू हिंसा, नशाखोरी और बाल अपराधों पर लगाम लगाने तथा महिलाओं को सुरक्षित, सहज और सर्व स्वीकार्य वातावरण बनने के सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने जाना कि पब्लिक वेलफेयर के लिए सरकार के स्तर पर बहुत सारी योजनाएं चल रही हैं, जिसका लाभ जनता को लेना चाहिए।