उपनल में अब बाहरी लोगों को नहीं मिलेगी नौकरी : जोशी
देहरादून। सैनिक कल्याण और औद्योगिक विकास मंत्री गणोश जोशी ने कहा कि उपनल से अब उत्तराखंड के मूल निवासी को ही नौकरी दी जाएगी। पिछले दिनों हड़ताल में शामिल रहे किसी भी उपनल कर्मी को नौकरी से निकाला नहीं जाएगा। इस मामले में कमेटी गठित की गई है, जो दस दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
इंद्रमणि बड़ोनी चौक स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जोशी ने कहा कि पूर्व सैनिकों को सिडकुल के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उपनल से जो भी नाम जाएगा वह यहां के मूल निवासी का ही होगा। उन्होंने कहा कि नारायण दत्त तिवारी सरकार के समय सिडकुल की स्थापना की गई थी। जिसमें 70 प्रतिशत नियुक्तियां उत्तराखंड वासियों को दिए जाने का प्राविधान किया गया था। सरकार की यही प्राथमिकता होगी कि इस नियम का सख्ती के साथ पालन कराया जाए। जोशी ने कहा कि हम जिला उद्योग केंद्र में बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू करने वाले हैं। क्योंकि अधिकारियों के ना बैठने से लाभार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने स्वीकार किया है कि कई शिकायतें ऐसी आई है कि उत्तर प्रदेश में उद्योग के लिए 15 दिन में एनओसी मिल जाती है। हमारे यहां इस काम में छह महीने लग जाता है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश का उद्योग के क्षेत्र में पूरे देश में चौथा और उत्तराखंड का 11वां स्थान है। इस प्रक्रिया को बदला जाएगा। उन्होंने कहा उत्तराखंड में उद्योग देहरादून, ऊधमसिंनगर, हरिद्वार और नैनीताल चार जनपदों में सिमटा हुआ है। पहाड़ी क्षेत्र में उद्योग कैसे पहुंचे यह हमारी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि जून और अगस्त के बीच सभी जगह उद्यमियों के लिए ओपन हाउस करेंगे। सभी 13 जनपदों में उद्योग विभाग को स्थानीय उत्पादों से जुड़े प्रमुख उपक्रमों की सूची बनाने के लिए कहा गया है।