देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की सख्ती का असर दिखने लगा है। निजी अस्पताल अब आयुष्मान भारत, अटल आयुष्मान व राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों को कोरोना के इलाज पर खर्च राशि वापस लौटाने लगे हैं। अभी तक प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्रवाई के तहत छह अस्पतालों ने आठ मरीजों के तीन लाख 46 हजार 515 रुपये वापस लौटा दिए हैं। इसके अलावा दो अन्य सूचीबद्ध अस्पतालों के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने साफ किया है कि जिन सूचीबद्ध अस्पतालों ने योजना के लाभार्थियों (मरीजों) से आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत करने पर भी उपचार के लिए ली गई धनराशि वापस नहीं की है उनके खिलाफ पैनाल्टी व अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक कोरोना संक्रमित 1262 मरीजों को सूचीबद्ध अस्पतालों में उपचार दिया गया है। जिसका भुगतान राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण एक सप्ताह के भीतर कर रहा है। इसके अलावा सभी अस्पतालों को पत्र भेज तीन दिन के भीतर उन सभी लाभार्थियों की विस्तृत सूचना मांगी गई है जिनका कोरोना का इलाज हुआ है। इस सूचना का परीक्षण कर ऐसे लाभार्थियों की जानकारी प्राप्त होती है जिनसे आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत करने पर भी पैसे लिए गए हैं, तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की गाइडलाइन के तहत अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण सभी सूचीबद्ध अस्पतालों के साथ प्रतिदिन बैठक भी कर रहा है। उनसे यह अपील की जा रही है कि वे योजना के लाभार्थियों को निशुल्क इलाज देने में पूरा सहयोग दें। वह अपने परिसर के मुख्य द्वार, इमरजेंसी व रिसेप्शन पर नोटिस लगाकर अस्पताल में मिलने वाले निशुल्क उपचार की सूचना दें। बताया कि प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना के उपचार के लिए भर्ती लाभार्थियों के तीमारदारों से संपर्क स्थापित करने को कहा गया है। ताकि उनसे योजना के अंतर्गत निशुल्क इलाज के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सके।