प्रदेश में 300 आयुव्रेदिक अस्पतालों को 10 बेड के कोविड केयर सेंटरों में तब्दील किया जायेगा : हरक
देहरादून। आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने राज्य में पहले से ही मौजूद 530 चिकित्सालयों में से 300 अस्पतालों को कम से कम 10 बेड के कोविड केयर सेंटरों में तब्दील करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही भविष्य में भी किसी स्वास्थ्य आपातकाल से आसानी से निपटा जा सकेगा। काबीना मंत्री हरक सिंह रावत एवं देहरादून जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी मंत्री गणोश जोशी ने बुधवार को सहत्रधारा स्थित आयुव्रेदिक चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस अवसर पर दोनों मंत्रिीयों ने आयुव्रेदिक चिकित्सालय को दो आक्सीजन कंसंट्रेटर और चार आक्सीजन सिलेंण्डर दिए। आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष अस्पतालों में पांच बेड में आक्सीजन की व्यवस्था की जाएगी तथा पांच सामान्य बेड होंगे। इन अस्पतालों में उपनल के माध्यम से 600 आयुष चिकित्सकों एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ की नियुक्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, हिमाचल तथा छतीसगढ़ व अन्य राज्यों द्वारा अपने आयुव्रेदिक चिकित्सकों को आकस्मिक स्थिति में आयुव्रेदिक एवं युनानी चिकित्सकों को भी एलोपैथिक दवाएं देने संबंधी अनुमति प्रदान किए जाने की के लिए प्रभारी मंत्री पहले ही सचिव स्वास्थ्य को निर्देशित कर चुके हैं। चूंकि आयुव्रेदिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक अपनी डॉक्टरी शिक्षा के दौरान आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े सभी विषयों को भी पढ़ते हैं । अत: प्रारम्भिक उपचार के तौर पर वह सीमांत एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के प्राथमिक मरीजों को उपचार दे सकते हैं। दूसरी ओर चिकित्सा निदेशालय की ओर से पूर्व में ही कोविड उपचार प्रोटोकॉल के तहत दवाओं की सूची जारी की है। आयुव्रेदिक चिकित्सकों की देखरेख में कोविड उपचार के लिए एलोपैथिक दवाओं और अब अस्पताल में आक्सीजन भी उपलब्ध हो जाने से स्थानीय व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत मिलेगी।