रुद्रप्रयाग। वर्ष 1950 के दशक में हेमकुड दरबार सहिब में जरूरी सुविधाएं जुटाने व गोविन्दघाट गरुद्वारे के निर्माण समेत स्वर्ण मंदिर अमृतसर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले सरदार बच्चन सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। वह मूलरूप से जिले के उरोली गांव के हिन्दू परिवार से हैं, जो बचपन में ही सरदार बन गए थे। विकासखंड जखोली के ग्राम उरोली के सरदार बच्चन सिंह राणा में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई थी, तबियत ठीक होने के बाद फिर से गत रात्रि उनकी तबियत अचानक खराब हो गई, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। उनकी मृत्यु पर विभिन्न संगठनों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। स्व बच्चन सिंह पचास के दशक में ही सरदार बन गए थे। जिसके बाद उन्हें वर्ष 1957 में सरदार मौदम सिंह ने हेमकुण्ड दरबार साहिब में मूलभूत समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी दी, जिसे इनके द्वारा पूर्ण ईमानदारी पूर्वक निर्वहन किया गया। सरदार बाबा मौदम सिंह के प्रतिनिधि के रूप में इन्हीं के नेतृत्व में हेमकुण्ड दरबार साहिब में आने वाले यात्रा के मुख्य पड़ाव गोविन्दघाट में गुरुद्वारे का निर्माण करवाया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी दरबार साहिब अमृतसर द्वारा ग्रंथी (सिखों ग्रंथ के मुख्य पाठारथी) के रूप में इनको नियुक्ति दी गई, जिससे इन्हें स्वर्ण मंदिर अमृतसर साथ साथ कमेटी के अधीन सभी गुरुद्वारों में अरदास एवं गुरुवाणी प्रवचन करने का अवसर मिला। वर्ष 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भी वह स्वर्ण मंदिर में मौजूद थे। सेना ने इन्हें उग्रवादियों से छुड़वाया। वर्ष 1996 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसार से सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृति के बाद अपने गाँव उरोली में बस गए। बच्चन सिंह के भांजे महावीर सिंह पंवार ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार सिख धर्म के अनुसार किया गया। निधन पर रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल, पूर्व महामंत्री अजय सेमवाल, भाजपा नेता महावीर पंवार समेत विभिन्न संगठनों ने निधन पर शोक जताया है।