देहरादून। कोरोना की बीमारी से रिकवर होने वाले 30 से 50 उम्र के कई लोगों में हार्ट से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसमें उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, छाती में दर्द, अचानक हार्ट बीट का बढ़ना अथवा कम हो जाना, हार्ट अटैक व हार्ट फेलियोर जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक इसका कारण कारण लंग्स कोविड यानी ऐसे मरीज जिनमें कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बीमारी के लक्षण मौजूद रहते हैं।
मैक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सीनीयर कार्डियोलाजिस्ट डा. योगेन्द्र सिंह का कहना है कि पोस्ट कोविड में इस तरह की समस्या से जूझने वाले लोगों को कार्डियक डायग्नोसिस करवाना चाहिए। कोरोना संक्रमित होने वाले हृदय रोग के मरीजों को भी ठीक होने के बाद रूटीन हार्ट चेकअप कराने के साथ ही वायरस के संक्रमण से पड़े दुष्प्रभाव की जांच करानी चाहिए। गंभीर मामलों में अथवा डायग्नोसिस में देरी होने पर हार्ट फेलियोर का खतरा बना रहता है। डा. योगेन्द्र कहते हैं कि कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर हृदय रोग के मरीजों को किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए।