G-KBRGW2NTQN एएनएम सेंटर पौड़ीखाल निसणी पर लगे हैं पिछले चार साल से ताले  – Devbhoomi Samvad

एएनएम सेंटर पौड़ीखाल निसणी पर लगे हैं पिछले चार साल से ताले 

लाखों की लागत से निर्मित भवन बन गया खण्डहर 
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के बच्छणस्यूं पट्टी क्षेत्र के पौड़ीखाल निसणी स्थित एएनएम सेंटर चार सालों से बंद पड़ा हुआ है। आलम यह है कि सेंटर का प्रयोग नहीं किये जाने से यह खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है। स्थानीय लोग एएनएम सेंटर को खोलने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही है। स्वास्थ्य महकमा इस ओर लापरवाह बना हुआ है। बता दें कि बच्छणस्यूं पट्टी की ढाई हजार की जनसंख्या को लाभ पहुंचाने के मकसद से एक दशक पहले पौड़ीखाल में एएनएम सेंटर की स्थापना की गयी है। इस सेंटर में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण की सुविधा मिलने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी मिल रही थी, जिस कारण महिलाओं को जिला अस्पताल व श्रीनगर नहीं जाना पड़ता था। मगर चार साल से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण सेंटर को बंद किया गया है। यहां तैनात एएनएम और फार्मासिस्ट का स्थानान्तरण होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस सेंटर की ओर ध्यान नहीं दिया, जिस कारण लाखों कीे लागत से निर्मित सेंटर खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है। विकासखण्ड़ अगस्त्यमुनि की न्याय पंचायत पौड़ीखाल निसणी में ग्रामीणों को छोटी-मोटी स्वास्थ्य लाभ के लिए एएनएम सेन्टर बनाया गया, लेकिन एएनएम सेंटर पर पिछले चार साल से ताले लटके हुए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की पोल खुलती नजर आ रही है। एक ओर कोरोना जैसी महामारी से क्षेत्र की जनता परेशान है। ऊपर से एएनएम सेंटर को भी बंद किया गया है। एएनएम सेंटर बंद होने से सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण में हो रही है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ रहा है। एएनएम सेंटर की स्थापना के बाद विभाग की ओर से यहां पर एएनएम और फार्मासिस्ट की तैनाती की गयी, लेकिन कुछ समय बाद इस स्थान पर सड़क की सुविधा न होने के कारण फार्मासिस्ट और एएनएम ने अपना स्थानान्तरण सुविधाजनक स्थान पर करा दिया। इनके जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यहां पर किसी की तैनाती नहीं की। क्षेत्र के मरीजों को ईलाज के लिए जिला अस्पताल या फिर श्रीनगर जाना पड़ रहा है। ऐसे में उनका समय और धन भी बर्बाद हो रहा है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण के लिए महंगे किराये पर अस्पताल जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों गणोश बिष्ट, बुद्धि सिंह, गजेन्द्र सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में कई बार लिखित और मौखिक रूप से कहा गया, लेकिन आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। एक ओर सरकार ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के ढोल पीट रही है, वहीं दूसरी ओर बच्छणस्यूं पट्टी के पौड़ीखाल एएनएम सेंटर की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। कोरोना महामारी में प्रवासी गांव को लौट रहे हैं और ग्रामीणों का सुझाव था कि एएनएम सेंटर को खोलकर यहां प्रवासियों को क्वारंटीन किया जाय, मगर यह भी नहीं किया गया। लाखों की लागत से निर्मित एएनएम सेंटर खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है और स्वास्थ्य महकमा सुध लेने को तैयार नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *