नैनीताल। ‘कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह पहले के मुकाबले कमजोर रहेगी, लेकिन बच्चों को टीकाकरण तक ज्यादा एहतियात जरूरी है। इसके लिए अभिभावकों को सजग रहना होगा।’ यह बात कुमाऊं विविद्यालय के अटल पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन केंद्र के तत्वाधान में ‘कोरोना के प्रभाव और बचाव’ विषय पर आयोजित वेबिनार में एम्स नई दिल्ली के कोरोना केअर सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सक डा. राकेश गर्ग ने कही। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना से बचाव का सबसे कारगर तरीका सामाजिक दूरी बरतना, मास्क पहनना, सैनेटाइजेशन करना और टीका लगाना ही है। उन्होंने साफ तौर पर यह भी कहा कि कोरोना का कोई निश्चित इलाज नहीं है। सभी दवाइयां परीक्षण के ही दौर में हैं। इसलिए र्हड इम्यूनिटी आने तक इसकी रोकथाम के लिए सावधानियां ही इलाज हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना विषाणु के म्यूटेशन के चलते नए-नए स्ट्रेन आ रहे हैं। इनका अध्ययन करने में समय लगेगा। कार्यक्रम के आयोजक पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश रंजन तिवारी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए वेबिनार के बारे में जानकारी दी। वेबिनार के दौरान प्रश्नोत्तरी सत्र में कुमाऊं विविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी के डा. गर्ग से ब्लैक फंगस के कारण और बचाव पर किए गए प्रश्न पर डा. गर्ग ने कहा कि बिना चिकित्सक की सलाह के खासकर एस्टेरोइड लेना व रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना इसके प्रमुख कारण है। एम्स नई दिल्ली के पीआरओ आदित्य कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के गांवों में चिकित्सा सुविधा की कमी के कारण अधिक सावधानी अपेक्षित है। वेबिनार में सुशीला तिवारी अस्पताल के डा. परमजीत, सीओ प्रमोद साह सहित प्रो. ललित तिवारी, प्रो. अतुल जोशी, प्रो. चंद्रकला रावत, प्रो. नीरजा टंडन, डा. नागेंद्र शर्मा, डा. महेंद्र राणा, डा. कुमुद उपाध्याय, चंदन राम, डा. राकेश रयाल, कंचन वर्मा, गीता जोशी, दीप भट्ट, दिव्या साह, डा. केतकी तारा कुमइयां, डा. डीएन भट्ट, अंचल पंत, सुयश पंत, डीडी जोशी सहित लगभग 100 प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का तकनीकी संचालन शोध विद्यार्थी आदर्श कुमार सिंह ने और संचालन प्रो. गिरीश रंजन तिवारी ने किया।