G-KBRGW2NTQN खतरे के निशान से ऊपर बह रही मंदाकिनी व अलनकंदा नदियां  – Devbhoomi Samvad

खतरे के निशान से ऊपर बह रही मंदाकिनी व अलनकंदा नदियां 

रुदप्रयाग/ऊखीमठ। जिले में दो दिनों से हो रह मूसलाधार बारिश से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मन्दाकिनी और अलनकंदा नदियों सहित सहायक नदियों का जल स्तर उफान में आने के कारण आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के बेलणी में शिव की मूर्ति भी नदी में जल मग्न हो चुकी है, जबकि नमामि गंगे के तहत बने सभी घाट पानी में डूब गये हैं। केदारघाटी क्षेत्र में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से आपदा प्रभावितों को भय सता रहा है कि आने वाले समय में यदि बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो कहीं प्रकृति फिर से रौद्र रूप धारण न कर ले। निरन्तर मूसलाधार बारिश जारी रहने से ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में गिरावट महसूस की जा रही है, जबकि निचले क्षेत्रों में लोगों की गर्मी से निजात मिली है। वहीं रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड नेशनल हाईवे कई स्थानों पर कीचड़ में तब्दील होने से राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रही है। बता दें कि जिले में दो दिनों से मूसलाधार बारिश जारी रहने से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और अलकनंदा व मंदाकिनी सहित सहायक नदियों का जल स्तर उफान में आने के कारण नदियों के किनारे बसें ग्रामीणों सहित आपदा प्रभावितों की रातों की नींद हराम हो चुकी है।  तुंगनाथ घाटी में भी मूसलाधार बारिश होने से उषाडा गांव के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गांव के 80 परिवारों को भय सता रहा है कि मूसलाधार बारिश से आकाशकामिनी नदी के तेज बहाव से यदि ताला तोक के निचले हिस्से में भूधंसाव होने लगा तो ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मूसलाधार बारिश होने से ग्राम पंचायत मक्कू के राजस्व गांव ढिलणा ग्वाड़ के आठ परिवार फिर से टेंटों में रात्रि गुजारने को विवश हो गये हैं। मदमहेर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट ने बताया कि क्षेत्र में दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से भेड़ पालकों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा और खांखरा के पास राजमार्ग काफी संवेदनशील हो चुका है। यहां पर दोनों जगहों पर मशीनों को तैनात किया गया है। इसके अलावा केदारनाथ हाईवे के भी जगह-जगह मशीने तैनात की गयी हैं। ग्रामीण इलाकों में आपदा प्रबंधन के 26 लोग नजर बनाए हुए हैं, जो कोई भी घटना घटने पर शीघ्र सूचना संबंधित विभागों को पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण लिंक मागरे पर जेसीबी मशीने तैनात हैं और मार्ग बंद होने पर खोलने में जुटे हुए हैं।

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