हरक ने युवाओं को चुनाव लड़वाने की पैरवी की
देहरादून। विधानसभा चुनाव करीब आते ही राजनीतिक दल और राजनीतिक लोग सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं की सक्रियता भी चर्चाओं में आ गयी है। उनकी चर्चाओं के इस बात से बल मिला है कि हरक सिंह ने खुद चुनाव न लड़ने की बात कह कर युवाओं को टिकट दिये जाने की पैरवी की है।
ज्ञात हो कि हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाई लैंसडाउन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुसाई की चुनावी तैयारियों को और ताकत दे दी है। उन्होंने पत्रकारों से कहा है कि वे खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और उन्होंने अपनी इस बात से पार्टी के बड़े नेताओं को भी अवगत करा दिया है। हरक ने पत्रकारों यह भी कहा कि वे तब से लड़ रहे हैं, जब उनमें से बहुत सारे लोग पैदा भी नहीं हुए होंगे। उन्होंने कहा कि वे तब मंत्री बन गये थे, जब मदन कौशिक राजनीति में भी नहीं आए होंगे। उत्तराखंड की राजनीति में कई तरह के प्रयोग करने वाले हरक सिंह रावत कब क्या करेंगे यह कहा नहीं जा सकता।
उन्होने पिछली बार धारी देवी की कसम खाकर कहा था कि वे मंत्री पद ग्रहण नहीं करेंगे, लेकिन बाद में उन्होंने मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। हरक के मन में इस बात का मलाल भी कई बार देखा गया कि उनके जूनियर लोग मुख्यमंत्री बन गये और वे पिछले 30 साल से मंत्री ही हैं। वे सार्वजनिक मंचों पर ऐसा बोलने में भी नहीं चूके। इसलिए उनका चुनाव न लड़ने की बात करने का असली मतलब क्या है यह तो अभी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन युवाओं के लिए टिकट की पैरवी करने से यह संकेत तो मिल ही रहा है कि वे अपनी बहू के लिए टिकट चाहते हैं। अनुकृति ने भी कहा है कि यदि लैंसडाउन के लोग उन पर भरोसा करेंगे, तो वे तैयार हैं और वह लोगों के भरोसे पर खरा उतरने की बात भी कर रही हैं।