देवप्रयाग। संगम स्थल पर बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में जल समाधि लेकर यहां अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। लखनऊ निवासी दोनों लोग बदरीनाथ यात्रा जाने की बात कहकर दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे। बीती बुधवार शाम करीब छह बजे संगम स्थित महिला घाट से बुजुर्ग भाई बहन ने गंगा में समाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। संगम घाट पर उनके जूते व कपड़ों का थैला मिलने पर लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने बताया कि 20 सितम्बर की शाम दोनों देवप्रयाग पहुंचे थे और बदरीनाथ यात्रा पर जाने की बात कह कर एक होटल में ठहरे थे। 21 सितम्बर को दोनों देवप्रयाग व आस-पास घूमते रहे। 23 सितम्बर सांय 4 बजे दोनों भाई बहनों ने संगम स्थल पर पंडितों से गंगा पूजन, तर्पण, दान आदि करवाया। लगभग छह बजे दोनों यहां ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए। जब दोनों वापस नहीं लौटे तो लोगों को उनके गंगा में समा जाने का पता चल पाया।
पुलिस को होटल में उनका कमरा खुला मिला यहां कपड़ों से भरी दो अटैची व बैग मिले। होटल के रजिस्टर व पेन कार्ड के आधार पर दोनों की पहचान लखनऊ निवासी नागे वर प्रसाद के पुत्र 65 वर्षीय अर¨वद व पुत्री 62 वर्षीय सुमन के रूप में हुई। पुलिस को उनके सामान में मिले पुराने मोबाइल से लखनऊ निवासी जितेंद्र प्रसाद से सम्पर्क हुआ। उक्त व्यक्ति ने बताया कि तीन बर्ष पूर्व दोनों अपना घर 11 लाख में उसे बेचकर किराये में चले गए थे। दोनों बहुत कम ही बाहर निकलते थे, कुछ महीने पहले उन्होंने यात्रा पर जाने की बात कही थी। एसडीआरएफ व पुलिस टीम ने गंगा में उनकी तलाश शुरू कर दी है।