बाजारों से लिए तेल के 469 सैंपल
देहरादून। बाजार में बिक रहा खाद्य तेल (सरसों का तेल) भी मिलावट से अछूता नहीं है। सरसो के तेल में मिले खतरनाक पदार्थ व्यक्ति के शरीर को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। देहरादून ही नहीं बल्कि नैनीताल, अल्मोड़, पिथौरागढ़, गोपेर आदि जगह के बाजारों में भी मिलावटयुक्त खाद्य तेल की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। इसका खुलासा स्पेक्स संस्था की जांच रिपोर्ट में हुआ है। दरअसल, संस्था से जुड़े स्वयंसेवियों ने सरसो के तेल में मिलावट की जांच के लिए बीती जून से सितंबर तक अभियान चलाया।
इस दौरान देहरादून, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी, रामनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, पिथौरागढ़, काशीपुर आदि स्थानों से सरसों के तेल के 469 नूमने एकत्र किए गए। इनमें से 415 यानी 80 फीसद नमूनों में मिलावट मिली है। स्पेक्स संस्था के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने बृहस्पतिवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि एकत्र किए गए सैंपलों की जांच प्रयोगशाला में की गई। मसूरी, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, गोपेर व अल्मोड़ा से सरसों के तेल के जो सैंपल लिए गए थे उनमें शत-प्रतिशत सैंपलों में मिलावट मिली है। जबकि जसपुर में सबसे कम 40 फीसद और काशीपुर में 50 फीसद नमूनों में मिलावट पाई गई है। इसके अलावा उत्तरकाशी में 95 फीसद, देहरादून में 94 फीसद, पिथौरागढ़ में 91 फीसद, हल्द्वानी व टिहरी में 90 फीसद, श्रीनगर, विकासनगर व डोईवाला में 80 फीसद, नैनीताल में 71 फीसद, हरिद्वार में 65 फीसद व रुद्रपुर में 60 फीसद नमूनों में मिलावट मिली है।
बताया कि सरसों के तेल में पीला रंग यानी मेटानिल पीला, सफेद तेल, कैटर ऑयल, सोयाबीन, मूंगफली व कपास के बीज के तेल व हेक्सेन की अधिक मिलावट मिली है। कुछ सैंपलों में आर्जीमोन तेल की मिलावट पाई गई है। बताया कि मिलावटयुक्त सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इससे पाचन तंत्र संबंधी रोग के अलावा शरीर में सूजन, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, जलन आदि बीमारियां हो सकती है। डा. शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति घर में ही सरसों के तेल में मिलावट की जांच कर सकता है। इसके लिए तेल की कुछ मात्रा लेकर दो-तीन घंटे के लिए फ्रीज में रख देना चाहिए। यदि तेज में कुछ सफेद (घी जैसा) जम जाता है तो यह तेल मिलावटी है। इसके अलावा तेल को उबालने पर उपर की परत में झाग स्थाई रूप से रहे तो यह भी मिलावट की निशानी है। उन्होंने बताया कि इस जांच रिपोर्ट को शासन-प्रशासन को भेजा जाएगा, ताकि मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।