5440.43 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट समेत कुल 14 विधेयक पास
विधानसभा का शीतकालीन सत्र अश्निचित काल के लिए स्थगित
देहरादून। प्रदेश में अब जल्द ही सरकारी नौकरियों में उत्तराखंड की महिलाओं को तीस फीसद क्षैतिज आरक्षण मिल सकेगा। प्रदेश में जबरन या लालच देकर धमार्ंतरण भी गैरजमानती अपराध होगा। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महज एक घंटा 12 मिनट में महिला क्षैतिज आरक्षण, धर्मान्तरण और अनुपूरक बजट समेत बिना बहस मुबाहसे के 14 विधेयक पारित हो गए।
इसी बीच दो विधेयक वापस भी ले लिए गए। दिलचस्प बात यह है कि बेरोजगारी और भर्ती घोटाले पर सांकेतिक वॉक आउट कर सदन में वापस आया विपक्ष मौन साधे रहा और किसी भी विधेयक में चर्चा नहीं की गई यानी सभी विधेयकों पर उसकी मौन सहमति रही। सरकारी सेवाओं मे तीस फीसद महिला आरक्षण विधेयक के मसले पर केवल भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने ही कुछ आशंकाएं जताई उन्होंने कहा कि देखना होगा कि अगर 30 फीसद महिलाएं बिना महिला कोटे पर दावा किए नौकरी पाती हैं तो क्या महिला कोटा पूरा मान लिया जाएगा ऐसे में तो महिलाओं का आरक्षण मिला हुआ भी या न मिला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 30 फीसद आरक्षण तो अतिरिक्त हो इसलिए इन आशंकाओं को नियमावली में दूर कर लिया जाए।
उत्तराखण्ड देवभमि है। यहां पर धर्मान्तरण जैसी चीजें हमारे लिए बहुत घातक है। इसलिए सरकार ने यह निर्णय लिया था कि प्रदेश में धर्मान्तरण पर रोक के लिए कठोर से कठोर कानून बने। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस कानून को जल्द से जल्द प्रदेश में लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी
उत्तराखण्ड निर्माण में मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है और सरकार ने यह पहले ही तय किया था कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में मातृशक्ति का सम्मान करते हुए उन्हें क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिले। महिलाओं के लिए राज्याधीन सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था ्प्रदान करने वाला यह अधिनियम मातृ शक्ति को समर्पित है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी