गांवों में क्वारेंटाइन सेंटर में सुविधाओं में सुधार किया जाएः सीएम
-सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिग से प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के कोरोना संक्रमित की मृत्यु पर आश्रित को 1 लाख रूपये की सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कन्टेनमेंट जोन में गाइडलाइन का कङाई से साथ पालन करवाया जाने के निर्देश दिये। कन्टेनमेंट जोन के बाहर भी फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क की अनिवार्यता के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जाए। जो लोग इनका पालन न करें, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए फील्ड सर्विलांस पर विशेष ध्यान दिया जाए। वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारेंटाईन सेंटरो में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। होम क्वारेंटाईन का मानकों के अनुरूप पालन हो रहा है या नहीं, इस पर लगातार चैकिंग भी की जाए। आकस्मिक निरीक्षण किए जाएं। गांवों में क्वारेंटाईन फेसिलिटी पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए ग्राम प्रधानों को निर्देशानुसार धनराशि दी जाए। कोविड केयर सेंटर में प्रशिक्षित स्टाफ व अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डाटा फीड को पूरी गम्भीरता से लिया जाए। सभी जिलाधिकारी आने वाले समय की आवश्यकताओं का आंकलन करते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर और लाजिस्टिक का गैप एनालिसिस करें। इस गैप के अनुसार सुविधाएं और उपकरण जुटाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से लङाई में जन सहयोग बहुत जरूरी है। हमें लोगों को साथ लेकर ये लङाई लङनी है। सख्ती और जागरूकता हमारे दो प्रमुख अस्त्र हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार व रविवार दो दिन देहरादून में पूर्ण बंद कर सेनेटाइजेशन करवाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए देहरादून की निरंजनपुर सब्जी मण्डी को बंद कर वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाए। फ्रंटलाईन वारियर्स की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। राशन की कालाबाजारी की शिकायत नहीं आनी चाहिए। इसमें लिप्त लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। हर जरूरतमंद तक राशन पहुंचना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें त्वरित रोजगार और आजीविका सृजन के लिए खेती, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य को प्राथमिकता देनी होगी। हाल ही में किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, इनका लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। स्थानीय मांग का अध्ययन कर लिया जाए और उनकी आपूर्ति स्थानीय संसाधनों से ही पूरा कराए जाने की कोशिश की जाए। स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय लोगों को किस प्रकार रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, इस पर फोकस किया जाए। यह हर जिलाधिकारी का लक्ष्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से युवाओं को लाभान्वित कराएं। किसानों के लिए क्वालिटी इनपुट और मार्केट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने टेस्टिंग को बढाने और कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। किसी भी तरह की आवश्यकता होने पर शासन को तत्काल अवगत कराया जाए। सचिव अमित नेगी ने कहा कि कोविड-19 के लिए कुल 686 करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध कराया जा चुका है। इसमें एनएचएम को 160 करोङ रूपए, चिकित्सा शिक्षा को 150 करोड़, एसडीआरएफ से स्वास्थ्य को 16 करोड़ रूपए, जिला प्लान में 150 करोड़ रूपए, डीएम फंड में 70 करोड़ रूपए, सीएम राहत कोष से 50 करोड़ रूपए और एसडीआरएफ से जिलाधिकारियों को 90 करोङ रूपए उपलब्ध कराए गए हैं। बजट की कोई कमी नहीं है। सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुंदरम ने जिलाधिकारियों को फसलों का क्लस्टर चिह्नीकरण जल्द करने के निर्देश दिये। कृषि और सम्बंधित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना, राज्य बागवानी मिशन आदि योजनाओं का उपयोग किया जा सकता है। सभी जिलाधिकारियों ने कोविड-19 के लिए जिलों में की गई व्यवस्थाओं के बारे मे जानकारी दी। वीडियो कांफ्रेंसिग में डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव डॉ पंकज कुमार पाण्डे सहित शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और जिलाधिकारी उपस्थित थे।