पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि
1 year ago newsadminइस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व पुलिस व अर्धसैनिक बलों का है। इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मी अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस हमारे राज्य की पुलिस भी हुए शान्ति एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राइम, महिला अपराध से निपटने के अलावा यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा राहत व कांवड़ यात्रा आदि का प्रबंधन करती है।
उत्तराखण्ड पुलिस ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा में आए करीब चार करोड़ से अधिक एवं चारधाम यात्रा में पहुंचे लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा एवं दर्शन कराते हुए गन्तव्य तक सुरक्षित पहुंचाने में सराहनीय योगदान दिया है। जी-20 सम्मेलन की तीन बैठकों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था को उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा सुनिश्चित कराया गया। उन्होंने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक्स फोर्स का गठन किया गया है।
इस दिशा में 2021 से अब तक चार हजार से ज्यादा नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए लगभग 40 करोड़ के नारकोटिक्स पदार्थ बरामद किए गए हैं। भू-माफिया तथा नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून लाए गए हैं। प्रदेश के हर थाने में महिला हेल्प डेस्क खोले गए हैं। महिला सुरक्षा के लिए उत्तराखण्ड पुलिस एप के अन्तर्गत गौरा शक्ति मॉडय़ूल बनाया गया। वैवाहिक मामलों में काउंसलिंग के लिए हर जनपद में महिला काउंसलिंग सेल खोले गए हैं।
पुलिस जवानों के कार्यस्थल एवं उनके बैरकों को स्मार्ट बनाए जाने के लिए भवन निर्माण के लिए 36 करोड़ रूपये की धनराशि को बढ़ाते हुए 57 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। एनसीआरबी द्वारा जारी क्राइम इन इंडिया 2021 रिपोर्ट के अनुसार चोरी अथवा लूटी गई सम्पत्तियों की बरामदगी में उत्तराखण्ड 68 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर है। गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश के थानों की स्वच्छता, अपराध एवं कानून व्यवस्था के आधार पर जो समीक्षा की गयी, जिसमें चम्पावत जनपद का थाना बनवसा देश के 16 हजार से अधिक थानों में शीर्ष तीन में स्थान बनाने में सफल हुआ।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने एसआई करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष पूरे देश में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।