देहरादून। ऊ र्जा क्षेत्र के कर्मचारी संगठन के नेताओं ने ऊर्जा निगमों में सोशल आडिट करने की मांग की है। संगठन के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि लंबे समय से उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। प्रबंधन जानबूझकर के कामों को ठेका के आधार पर दूसरों को दे रही है। संगठन के नेताओं ने ठेका पर दिए गए कामों का सोशल आडिट करने की मांग की।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि ऊ र्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों को बढ़ावा देना ना सिर्फ आम लोगों के लिए नुकसानदायक है बल्कि इसके कर्मचारियों को भी आर्थिक हितों का नुकसान होगा। अपनी मांग मनवाने के लिए हाल ही में कर्मचारी संगठन ने चेतावनी दी है। कर्मचारी संगठन के नेताओं में एक बार फिर अपने चेतावनी को दोहराते हुए मांग माने जाने का अनुरोध किया है।
संगठन ने राज्य सरकार से मांग की गई कि अभी तक तीनों निगमों में जो भी कार्य ठेके पर दिए गए हैं उन सभी की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए। साथ ही इनका स्पेशल आडिट कराया जाए ताकि यह पता चल सके कि जो कार्य ठेके पर दिए गए हैं उससे कारपोरेशन को कुल कितने लाभ हुआ है।
हाल ही में उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन (इंटक) की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक की गई थी। जिसमे ऊ र्जा के तीनों निगमों में वर्षों से रिक्त पदों के सापेक्ष कार्यरत संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन के आदेश को बहाल करने की मांग की गयी।
कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने उतराखंड शासन व तीनो ऊ र्जा निगम प्रबांनों द्वारा संविदा कार्मिकों की नियमितीकरण व समान वेतन की मांग पर आजतक कोई ठोस कार्यवायी न किये जाने का आरोप लगया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि का कहना है कि शासन व प्रबंधन के साथ हुए लिखित समझौतों की विसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है।