G-KBRGW2NTQN कैबिनेट : पहाड़ में रुकेगा पहाड़ का पानी – Devbhoomi Samvad

कैबिनेट : पहाड़ में रुकेगा पहाड़ का पानी

प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 30 बिंदु आए जिनमें 27 पर फैसले लिए गए
देहरादून। अब पहाड़ का पानी पहाड़ में ही रुकेगा और पहाड़ के काम आएगा। जी हां प्रदेश कैबिनेच ने फैसला लिया है कि प्रदेश में वष्रा जल संरक्षण के साथ ही गाड़-गधेरों, चश्मों आदि के  पानी के रोकने के लिए उनमें चैकडैम बनाए जाएंगे। इसके लिए एक मास्टर प्लान बनाया जाएगा। सोमवार को प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 30 बिंदु आए जिनमें 27 पर फैसले लिए गए।

मुख्य सचिव एसएस संधु ने बताया कि प्रदेश स्तर पर वष्रा जल संग्रहण तकनीकों मसलन चेकडैम आदि तथा द्वारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार कार्यों के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों को समेकित रूप से क्रियान्वित किये जाने की आवश्यकता के चलते जलागम प्रबन्ध निदेशालय के तहत राज्य स्तरीय स्प्रिंग एवं रिवर रिजुवेनेशन अथॉरिटी (सारा) को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया जायेगा। इसके लिए कुल 195 विभिन्न पदों की संरचना की गई है। सारा के तहत विभिन्न स्तरों पर 4 समितियों का गठन होगा।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी)गठित होगी। यह समिति इससे सम्बन्धित योजनाओं के नियोजन, स्वीकृति, क्रियान्वयन एवं समन्वय आदि समस्त कार्यों के निष्पादन हेतु मार्गदर्शी सिद्धातों के निरूपण को अनुमोदित करेगी। अपर मुख्य सचिव , प्रमुख सचिव  या सचिव, जलागम प्रबन्धन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारी समितिगठित होगी। यह समिति प्रदेश स्तर पर वष्रा जल संग्रहण तकनीक यथा चेकडैम आदि तथा धारा नौला एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनरूद्धार कार्यों के लिए वाषिर्क कार्य योजना पर एचपीसी की संस्तुति प्राप्त करेगी।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यकारी समिति गठित होगी तथा राज्य स्तरीय एजेंसी के साथ समन्वय में कार्य करेगी और आवश्यकता अनुसार क्रिटिकल गैप फंडिंग की मंजूरी एवं अनुशंसा राज्य स्तर के लिए करेगी। ग्राम पंचायत प्रधान की अध्यक्षता में धारा नौला संरक्षण समिति गठित होगी। यह समिति वष्रा जल संग्रहण तकनीकों यथा चेकडैम आदि के माध्यम से स्प्रिंग उपचार एवं नदियों के उपचार की आवश्यकता एवं इनके सत्त प्रबन्धन के सम्बन्ध में स्थानीय समुदाय को जागरूक कराने के लिए नियमित रूप से बैठकें और प्रशिक्षण आयोजित कराएगी।

करीब छह हजार कर्मियों को मिलेगा पुरानी पेंशन का विकल्प
देहरादून। प्रदेश के करीब छह हजार सरकारी कार्मिको को पुरानी पेंशन स्कीम अपनाने का विकल्प मिलेगाष प्रदेश कैबिनेट ने कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार के 3 मार्च, 2023 में उल्लिखित व्यवस्था को उत्तराखंड में लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत राजकीय विभागों में 1 अक्टूबर, 2005 से पूर्व विज्ञापित अधिसूचित पदों पर चयनित कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने का विकल्प दिया जाएगा।

अब तक कटे अंशदान पर स्थिति साफ नहीं
देहरादून। जब मुख्य सचिव से पूछा गया कि अगर कोई कार्मिक पुरानी पेंशन का विकल्प चुनता है तो नई पेंशन स्कीम के तहत उसके 18 साल तक कटे अंशदान का क्या होगा तो उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी मसला है। बता दें कि कांग्रेस शासित राज्यों में पुरानी पेंशन लागू होने से यही पेंच फंस रहा है क्योंकि केंद्र अंशदान राज्य को लौटाने पर राजी नहीं है।

35 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को मिलेगा 2,400 रुपये वर्दी भत्ता
देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के 35 हजार नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सालाना 2400 रुपये वर्दी भत्ता दिया जाएगा। बता दें कि दो तथा 4 वर्ष पर अनुमन्य ग्रीष्मकालीन तथा शीतकालीन वर्दी तथा उनकी दरों का निर्धारण वर्ष 2011 में किया गया था । चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ अनुमन्य वर्दी बाजार भाव से दिये जाने तथा सिलाई की दरों में बढ़ोत्तरी किये जाने के निरन्तर मांग कर रहा था।

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