बीमा कम्पनी को देना होगा चोरी हुए वाहन का क्लेम
देहरादून। बीमा अवधि के दौरान चोरी हुए वाहन का क्लेम बीमा कम्पनी अदा करने के लिए उत्तरदायी है। बीमा कम्पनी ने इस आधार पर क्लेम को निरस्त कर दिया था कि उपभोक्ता ने बीमा शर्तो का उल्लंघन किया और सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए। उपभोक्ता फोरम ने आदेश दिया कि बीमा कम्पनी क्लेम के अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 15 हजार रुपये और वाद व्यय के रूप में 5 हजार रुपये उपभोक्ता को अदा करे। मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत करते हुए साहा अम्बाला निवासी राजिन्दर कौर ने चैन्नई स्थित चोला मण्डलम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के मैनेजर और न्यू कैंट रोड स्थित कार्यालय के शाखा प्रबंधक समेत महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फाईनेंस कम्पनी लिमिटेड (अम्बाला कैंट) को पक्षकार बनाया। उपभोक्ता राजिन्द्र कौर ने बताया कि उसने अपने चौपहिया वाहन का बीमा कराया। बीमा अवधि के दौरान वह वाहन लेकर घूमने के लिए मसूरी गई और होटल में रूकी। इस होटल में रमेश नाम का एक शख्स भी परिवार समेत रूका हुआ था, जिसका पति होटल के रजिस्टर में अंकित था। रात को रमेश उनके कमरे में आया और अपने बीमार बेटे को डॉक्टर के पास दिखाने के लिए मदद मांगी और उनका वाहन ले गया। परन्तु रमेश वाहन लेकर नहीं लौटा। चोरी की रिपोर्ट उन्होंने मसूरी में दर्ज करवाई। बीमा कम्पनी ने इस आधार पर क्लेम निरस्त कर दिया कि उपभोक्ता ने सुरक्षा के उपाय नही अपनाए थे। परन्तु उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह दुग्ताल और सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने माना कि वाहन ले जाने वाले रमेश का पता होटल में अंकित था। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि उपभोक्ता ने सुरक्षा के उपाय नहीं अपनाए। आयोग ने बीमा कम्पनी को आदेश दिया कि बीमा कम्पनी उपभोक्ता को वाहन की कीमत के रूप में 7 लाख 43 हजार रुपये और मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 15 हजार एवं वाद व्यय के रूप में 5 हजार रुपये अदा करे।