G-KBRGW2NTQN भारत-चीन सीमा से लापता तीन पोर्टरों की मौत, मातली कैंप लाए गए शव – Devbhoomi Samvad

भारत-चीन सीमा से लापता तीन पोर्टरों की मौत, मातली कैंप लाए गए शव

उत्तरकाशी। भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लापता तीन पोर्टरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्ती दल के साथ सीमा पर गए थे। पोर्टरों के शव आइटीबीपी की नीला पानी चौकी से डेढ़ किलोमीटर दूर सीमा की ओर बर्फ में दबे मिले।
आईटीबीपी के तीनों मृतकों पोर्टर्राे के नाम संजय सिंह (24) पुत्र दलबीर सिंह निवासी ग्राम नाल्ड,पोस्ट ऑफिस गंगोरी उत्तरकाशी, राजेंद्र सिंह (25) पुत्र बृजमोहन निवासी ग्राम (स्युना) सिरोर, पोस्ट ऑफिस नेताला उत्तरकाशी, दिनेश चौहान (23) पुत्र भरत सिंह चौहान निवासी ग्राम/ पोस्ट ऑफिस पाटा उत्तरकाशी है। बता दें कि 15 अक्टूबर को  गश्त एलआरपी टीम के साथ तीन पोर्टर भारत-चीन नीलापानी अंतरराष्ट्रीय सीमा के लिए रवाना हुए थे। गश्त के बाद टीम वापस लौटी। टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्टूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए। इन पोर्टरों को 18 अक्टूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था। वहीं, आईटीबीपी की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया। अन्य पांच पोर्टरों को भी उन्हें ढूंढने के लिए भेजा गया, लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं लग पाया। उसके बाद बीती मंगलवार देर शाम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से हेली रेस्क्यू के लिए मदद मांगी, लेकिन आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं।
ं जो चार हजार से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें.आईबीपीपी के जवानों ने तीन पोर्टरों के शवों को लेकर मातली कैंप पहुंची है। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर के जरिए तीनों शव को कैंप तक लाया गया है। जहां से उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया है। वहीं मातली में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत सहित बड़े नेताओं ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह उत्तरकाशी में बर्फबारी के दौरान मरे आईटीपी के पोर्टरों संजय सिंह, राजेन्द्र सिंह और दिनेश चौहान के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि युवा रोजगार के लिए बॉर्डर गए थे। ऐसे में प्रदेश सरकार इनके परिवार को 10-10 लाख की सहायता राशि दे और इसके साथ प्ज्ठच् की मृतक आश्रितों को नौकरी दे।

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