उत्तराखंड में धर्मान्तरण होगा गैरजमानती अपराध, दस साल का होगा कारावास
देहरादून। उत्तराखंड में अब लालच , दबाव में किया गया जबरिया धर्मातरण गैरजमानती अपराध होगा। धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की अभी हाल में आई सख्त टिप्पणी और केंद्र को मिले निर्देशों के आलोक में तेजी दिखाते हुए जबरन धमार्ंतरण कानून को कड़ा कर दिया है।
अब उत्तराखंड में धमार्ंतरण कानून गैर जमानती अपराध कर दिया गया है जिसमें 10 वर्ष की सजा होगी। फैसले के मुताबिक उत्तराखण्ड राज्य में भारत के संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 27 एवं 28 में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के अन्तर्गत प्रत्येक धर्म की महत्ता को समान रूप से प्रबल किऐ जाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 ( उत्तराखण्ड अधिनियम संख्या: 28 वर्ष 2018 ) प्रख्यापित किया गया था। वर्तमान में परिवर्तित परिस्थितियों एवं एक्ट को और अधिक सशक्त बनाये जाने के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश राज्य की भांति उत्तराखण्ड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 को प्रख्यापित किया जा रहा है।