दैना गांव में गुलदार ने बुजुर्ग को मार डाला
18 घंटे बाद क्षत विक्षत शव बरामद
अल्मोड़ा। द्वाराहाट में मां-बेटे समेत तीन से आमना सामना होने के बाद इसी ब्लॉक के दैना गांव में गुलदार ने बुजुर्ग ग्रामीण को मार डाला। घटना के करीब 18 घंटे बाद बुजुर्ग का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया है। शरीर का आधा हिस्सा गुलदार खा चुका था।
मामला मंगलवार शाम को रानीखेत तहसील क्षेत्र में कालीगाढ़ पट्टी की कुंवाली घाटी स्थित दैना गांव का है। यहां के मोहन राम (65) पुत्र स्वर्गीय प्रेमराम घर से करीब सौ मीटर दूर निचले भूभाग पर गाय को घर लाने के लिए निकले। तभी झाड़ियों में पहले से घात लगाए गुलदार ने बुजुर्ग पर हमला बोल दिया। मोहन राम को मार डालने के बाद वह उसे गोरे की ओर घसीट ले गया।
इधर, शाम तक ग्रामीण घर नहीं लौटा तो स्वजनों की चिंता बढ़ी। संभावित क्षेत्र व आसपास के जंगलात में देर रात तक तलाश की गई। बुधवार की सुबह आठ बजे दोबारा खोज शुरू की गई। जिस खेतनुमा मैदान पर वह गाय को चुगने छोड़ आता था, वहां पर खून बिखरा पड़ा था। कुछ आगे खून से सने कपड़े मिले और गांव से लगभग एक किमी दूर गोरे में मोहन राम का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ। शरीर का आधा हिस्सा गायब था। गम और गुस्से के बीच डीएफओ महातिम सिंह यादव के पहुंचने पर ग्रामीण शव न उठाने पर अड़ गए। उन्होंने गुलदार को नरभक्षी घोषित कर शिकारी तैनात किए जाने व पिंजरा लगाने की मांग रखी। डीएफओ ने हिंसक वन्यजीव से हर हाल में निजात दिलाने का भरोसा दिलाया। मौके पर ही स्वजनों को 50 हजार रुपये की राशि भेंट की। घटनास्थल पर वन कर्मियों से पिंजरा लगवाया तो ग्रामीण शांत हुए। शाम तक शव नागरिक चिकित्सालय पहुंचने की उम्मीद है।
डीएफओ महातिम सिंह यादव ने बताया कि बुजुर्ग ग्रामीण को गुलदार ने ही मारा है। ऊ पर मांस के टुकड़े गिरे थे, खून बिखरा मिला। घसीटकर ले जाना फिर कुछ हिस्सा खा लेना यह सब गुलदार के शिकार का तरीका है। वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिख अवगत कराया है कि गुलदार मानव जाति के लिए खतरा बन चुका है। उच्चस्तर से जो भी आदेश मिलेगा, उसी के अनुरूप त्वरित कदम उठाएंगे। जनसुरक्षा को देखते हुए कुशल शिकारी बुलाए जा रहे हैं। हिंसक गुलदार को कैद या ट्रैंकुलाइज करना पहली प्राथमिकता रहेगी।