G-KBRGW2NTQN आयोग ने रद्द की तीन भर्ती परीक्षा, आठ पर शासन की राय मांगी – Devbhoomi Samvad

आयोग ने रद्द की तीन भर्ती परीक्षा, आठ पर शासन की राय मांगी

वन दरोगा, सचिवालय रक्षक और वीपीओ/बीपीडीओ भर्ती परीक्षा रद्द
देहरादून। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूकेएसएसएससी ने वन दरोगा, सचिवालय रक्षक और वीपीओ/बीपीडीओ भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया है। पेपरलीक के बाद विवादों में आयी इन परीक्षाओं को फिर से कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही आयोग ने लोक सेवा आयोग को दी गयी गयी आठ अन्य भर्तियों को लेकर शासन से विधिक राय लेने का फैसला लिया है। आयोग के अध्यक्ष जीएस मतरेलिया ने यह जानकारी दी है।
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित 3 भर्ती परीक्षायें जिनका परिणाम आ चुका था को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है, इनकी स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा विवेचना की जा रही है। इसके अलावा 8 भर्ती परीक्षाओं पर अभी कोई भी निर्णय नहीं हो पाया। हालांकि आयोग ने एक विशेषज्ञ समिति से इन परीक्षाओं का परीक्षण कराया लिया है, लेकिन अब अंतिम निर्णय लेने से पहले शासन से विधिक राय लेने का निर्णय लिया गया है।

मतरेलिया ने बताया है कि आयोग ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद कुछ परीक्षाओं की आगे की चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में निर्णय लिये। पेपर लीक प्रकरण से लटकी इसमें एलटी शिक्षकों की परीक्षा को लेकर भी आयोग ने चयन की आगे की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। एलटी की परीक्षा के परिणाम को संदेह के आधार पर रोक दिया गया था। सहायक अध्यापक एलटी भर्ती परीक्षा 2020 के आगे की चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में व्यापक चर्चा के बाद चयन प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए अभिलेख सत्यापन का काम 9 जनवरी से प्रारंभ किया जायेगा। रद्द की गयी तीन परीक्षाओं में से स्नातक स्तरीय परीक्षा चार मई 2021 को हुई थी और 5 दिसंबर को 2021 को उसका परिणाम घोषित किया गया था। जबकि वन दरोगा की परीक्षा 16 से 25 जुलाई 2021 में हुई थी और उसका परिणाम 8 जनवरी 2022 को घोषित किया गया था। इसके साथ ही सचिवालय रक्षक परीक्षा 26 सितंबर 2021 को हुई थी और उसका परिणाम 22 अप्रैल 2022 को घोषित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने इस मामले में स्पेशल टास्क फोर्स से जांच कराने का निर्णय लिया था और उसके बाद हाकिम सिंह, आरबीएस रावत सहित करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की गिरफ्तारी भी इस मामले में हुई। मतरेलिया ने बताया है कि विवेचना के दौरान इन तीनों परीक्षाओं में प्रश्न पत्र पढ़ाने एवं अन्य अनुचित साधनों के प्रयोग के मामले प्रकाश में आये है, जिसके पुष्ट प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि इन परीक्षाओं की पवित्रता दूषित हुई है। इसको देखते हुए आयोग ने इन तीनों ही परीक्षाओं को दोबारा करने का निर्णय लिया है। जिन परीक्षाओं को लेकर शासन से विधिक राय ली गयी है, उनमें कनिष्ठ सहायक, वैयक्तिक सहायक, कर्मशाला अनुदेशक, पुलिस रेकर्स उपनिरीक्षक, मत्स्य निरीक्षक, वाहन चालक व  मुख्य आरक्षी दूर संचार की परीक्षा है, गत 14 सितम्बर को जारी अधिसूचना के अनुसार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग संशोधन विनियम 2022 में उपरोक्त  भर्ती परीक्षाओं को लोक सेवा आयोग के अधीन किया गया है, लेकिन इसमें अलग-अलग मत होने के कारण शासन से विधिक राय ली जा जा रही है। शासन के मार्गदर्शन के बाद ही उक्त परीक्षाओं के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *