देहरादून। जोशीमठ आपदा को लेकर आज कांग्रेस के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मुलाकात की। कांग्रेसजनों ने जोशीमठ दौरे से लौटने के बाद सीएम को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जोशीमठ त्रासदी को तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।
कांग्रेस की ओर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित दो दर्जन से अधिक नेताओं ने सीएम धामी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 में गठित मिश्रा कमेटी की विस्तृत रिपोर्ट मे स्पष्ट रूप से जोशीमठ नगर को बचाये रखने के लिए यहां पर भारी निर्माण कार्यों पर रोक लगाये जाने की सिफारिश करने के साथ ही जोशीमठ नगर को बचाने के लिए कुछ रचनात्मक सुझाव भी दिये गये थे। मिश्रा कमेटी के सुझावों पर अमल न करने तथा समय रहते ठोस कदम न उठाये जाने के कारण आज जोशीमठ नगर का अस्तित्व संकट में पड़ गया है। भूगर्भ शास्त्रियों की पूर्व चेतावनी के बावजूद राज्य सरकार द्वारा दैवीय आपदा संभावित क्षेत्र में सुरक्षा के कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं, जिससे जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के मन में दहशत का माहौल व्याप्त है। स्थानीय लोगों की जानमाल की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए समय रहते समुचित कदम उठाने के साथ ही संवेदनशील क्षेत्र के लोगों के उचित विस्थापन की व्यवस्था की जानी चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया कि जोशीमठ नगर को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस कदम उठाये जाय तथा जोशीमठ त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गयी। इसके साथ ही आपदा पीड़ित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से दिये जाने वाले किराया मुआवजे को 5 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने, आपदा के चलते जिन लोगों के आवासीय मकान एवं व्यावसायिक भवनों को नुकसान हुआ है उन्हें बद्रीनाथ की तर्ज पर 76 लाख रुपये प्रति नाली की दर से भुगतान करने की मांग भी की गयी। इसके साथ ही आपदा से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के विस्थापन के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने, प्रभावित क्षेत्र के लोगों का टिहरी बांध विस्थापितों की भांति सुरक्षित स्थानों पर एकमुश्त विस्थापन करने, जोशीमठ क्षेत्र में खोदी गई सुरंगों को तुरंत बंद करने और लोहारीनाग पाला और पाला-मनेरी परियोजना की सुरंगों को भरने का काम तुरंत शुरू करने की मांग की गयी।
कांग्रेस नेताओं ने एनटीपीसी के साथ पूर्व में हुए समझौते के अनुपालन में जोशीमठ क्षेत्र के समस्त आवासीय मकानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का बीमा कराने तथा इस मानव रचित आपदा के लिए एनटीपीसी की सुरंग को एक कारक के तौर पर जिम्मेदार मानते हुए लोगों को हुए नुकसान की भरपाई एनटीपीसी से कराने, रेलवे एवं अन्य परियोजनाओं को गहन वैज्ञानिक अध्ययन के उपरान्त ही चरणबद्ध तरीके से मंजूरी देने, पर्वतीय क्षेत्र के दैवीय आपदा संभावित क्षेत्रों में अनियंत्रित विकास को रोकने की मांग भी ज्ञापन में की गयी है। कांग्रेसजनों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जोशीमठ नगर के ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक महत्व के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जानमाल को दृष्टिगत रखते हुए मिश्रा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने तथा आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को उचित मुआवजा एवं उनके समुचित विस्थापन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।